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The World of Indian Books
हमारे देश में किस्सा, कहानी, ज़िन्दगी और उसके साँचों-ढाँचों को कहने-सुनने की परम्परा बहुत पहले से चली आ रही है। इसी वाचिक परम्परा को किस्सा गोई के रूप में पिरोने-सँजोने की एक दिलचस्प कोशिश हिमुली हीरामणि कथा है। इन किस्सों में संस्कृत की परम्परा के उस गल्प का आस्वाद है जिसमें हमारी परम्परा की अनुगूँजें हैं। हिमुली नामक एक स्त्री की कथा से इस कथा श्रृंखला की शुरुआvत होती है और कथाओं से कथाएँ जुड़ती चली जाती हैं जिसमें रहस्य भी है, रोमांच भी, परम्परा के सूत्र भी हैं, वर्तमान की छवियाँ भी हैं और भविष्य के संकेत भी। एक प्राचीन विधा को बिलकुल समकालीन बनाकर मृणाल पांडे की यह प्रस्तुति जितनी सामयिक लगती है उतनी ही पारम्परिक भी।
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